सच बोलना चितकबरे नाध से, चाबुक से, एड़ी से सच बोलना सवारी से तो जरूर सच बोलना जई से, खल्ली से सच-सच बोलना सच सुने कई दिन हो गए सच देखे कई दिन हो गए।
हिंदी समय में बद्रीनारायण की रचनाएँ